आर्थिक तंगी और तमाम बाधाओं को तोड़ पायल सिंह कामयाबी की कहानी लिख रही है. मंडल हैंडबाल की कप्तान रही पायल एक समय इकलौते भाई की मौत से पूरी तरह टूट चुकी थी. बावजूद इसके वह सात बार नेशनल खेल चुकीं हैं.
भाई की मौत का सदमा झेला, गरीबी को हराया… 7 मेडल जीतकर रचा इतिहास!
आर्थिक तंगी और तमाम बाधाओं को तोड़ पायल सिंह कामयाबी की कहानी लिख रही है. मंडल हैंडबाल की कप्तान रही पायल एक समय इकलौते भाई की मौत से पूरी तरह टूट चुकी थी. बावजूद इसके वह सात बार नेशनल खेल चुकीं हैं.