गेंदबाजों के कहर से महज 113 रन पर पैट कमिंस की टीम को श्रेयस अय्यर ने समेट दिया. इसके बाद वेंकटेश अय्यर और रहमानुल्लाह गुरबाज की तूफानी बल्लेबाजी के दम पर ओवर में ही मुकाबला जीतकर तीसरी बार ट्रॉफी पर कब्जा जमाया. केकेआर की टीम के एक खिलाड़ी फाइनल खेलने से पहले मां को अस्पताल में छोड़कर भारत आया था.